ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा । यह कवच व्यापार और कार्यक्षेत्र में कामयाबी दिलाता है। पठेदिदं हि कवचं निशायां नियमात् तु यः। सम्पूज्य कवचं नित्यं पूजायाः फलमालभेत्॥ ३२ ॥ मातु भगति तब सब सुख खानी। करहुं https://www.instagram.com/tantramantraaurvigyaan/reel/DA6ACEaONEJ/
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